भारतीय किसान यूनियन (भानु) की जिला इकाई, कुशीनगर के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह अपने दस सूत्रीय माँगों का ज्ञापन मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ से सम्बन्धित उपजिलाधिकारी, कप्तानगंज को सौपते हुए माँग किये है कि महँगाई को देखते हुए योगी सरकार गन्ने का समर्थन मूल्य पराई सत्र 2019-20 का 500/- प्रति कुन्तल घोषित करें। सरकार गन्ने का भुगतान पेराई सत्र 2019-20 में 14 दिन में कराने के लिये मील मालिकों को निर्देश जारी करें यदि कोई भी चीनी मील 14 दिन में भुगतान करने में असफल रहता है तो उसे माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार 15% ब्याज के साथ किसानों को दिलवाया जाय| कप्तानगंज चीनी मील पर किसानों के गन्ने का भुगतान करने में हर साल सबसे पीछे रहता है और सरकार चीनी मील मालिक के ऊपर लगाम नही लगा पा रही है। किसान अपने गाढ़ी कमाई का पैसा गन्ने के पैदा करने में लगा देता है और चीनी मील गन्ने का भुगतान करने में एक एक साल लगा दे रहा है। कप्तानगंज चीनी मील पर किसानों के गन्ने का भुगतान पेराई सत्र 2018-19 का लगभग 34 करोड़ बाकी है उसे सरकार माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार 15 प्रतिशत ब्याज के साथ किसानों के खाते में भेजवाने का कार्य करें| कप्तानगंज चीनी मील पर पेराई सत्र 2002-03 का किसानों के गन्ने का भुगतान का जो डिफर बाकी है उसे 15 प्रतिशत ब्याज के साथ सरकार किसानों के खाते में भेजवाने का कार्य करें| सरकारी गन्ना विकास समिति लि० छितौनी का गन्ना पेराई सत्र 2014-15 और पेराई सत्र 2017-18 में जनपद महराजगंज के गरौरा चीनी मील पर गया था जिसका भुगतान क्रमशः 59.41 और 24.84 लाख रूपये बाकी है उसे जल्द से जल्द किसानों के खाते में भेजवाया जाय| सरकारी गन्ना विकास समिति लि० खड्डा का गन्ना पेराई सत्र 2014-15 और पेराई सत्र 2017-18 में जनपद महराजगंज के गरौरा चीनी मील पर गया था जिसका भुगतान क्रमशः 23.06 और 176.77 लाख रूपये बाकी है उसे जल्द से जल्द किसानों के खाते में भेजवाया जाय। जनपद कुशीनगर के किसान गन्ने की पर्ची को लेकर काफी परेशान लग रहे है। पिछले साल किसानों का गन्ना खेतों में ही सुख गया था और कुछ किसान अपने गन्ने को क्रेशर पर ले जाने के लिये मजबूर हो गये थे। यदि गन्ना पर्ची की यही स्थिति बनी रही तो इन साल भी किसानों के गन्ने की स्थिति पिछले साल की तरह ही होने वाली है। योगी सरकार गन्ने के पर्ची व्यवस्था को ठीक करने के लिये सम्बन्धित अधिकारी को निर्देशित करेंं। जनपद की जो चीनी मीलें (रामकोला, कप्तानगंज, ढाडा, सेवरहीं और खड्डा) संचालित हो रही है उन चीनी मीलों से इतनी राख निकल रहा है जिसके वजह से प्रदूषण का खतरा पैदा हो गया है। योगी सरकार इसके रोकथाम के लिये सम्बन्धित अधिकारी को निर्देशित करेंं। यदि गन्ने के क्षेत्रफल और पैदावार से चीनी मीलें चलवाई या लगवाई जाती है तो योगी जी को पिपराईच चीनी मील लगवाने से पहले लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मील को चलवाना चाहिए था क्योंकि लक्ष्मीगंज परिक्षेत्र में प्रत्येक वर्ष लगभग 40-45 लाख कुन्तल गन्ने का पैदावार होता है और लक्ष्मीगंज चीनी मील गेट पर गन्ना पहुँच जाता था और इस चीनी मील का कोई सेंटर भी नही होता था। यह चीनी मील अपने क्षेत्र के गन्ने के सहारे 4 से 5 महीने संचालित होती थी। पिपराईच चीनी मील द्वारा अन्य जनपदों से गन्ना भीख माँग कर चलवाया जा रहा है। यदि पिपराईच चीनी मील अपने क्षेत्र के गन्ने के सहारे चलती है तो यह मील मात्र 20 से 22 दिन में अपने क्षेत्र के गन्ने की पेराई करके बन्द हो जायेगी। योगी जी ने प्रदेश के जनता के रूपये का दुरूपयोग करके अपने संसदीय क्षेत्र पिपराईच चीनी मील को स्थापित कराया है जहां पर गन्ने का पैदावार प्रति वर्ष लगभग 5 लाख कुन्तल ही होता है जो सरासर नाजायद है| माननीय योगी जी लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मील को चलवाने के लिये अबिलम्ब घोषणा करें जो किसान हित में मील का पत्थर सावित होगा| पिपराईच चीनी मील द्वारा जो सेंटर लक्ष्मीगंज में लगवाया गया है वह गढ्ढा में लगा है और बरसात के समय में किसानों को अपने गन्ने का तौल कराने में बहुँत ही कठिनाइयों का सामना करना पड रहा है। सरकार द्वारा इस समस्या का समाधान तत्काल कराना चाहिए। अन्त में यूनियन के जिलाध्यक्ष श्री सिंह ने ज्ञापन के माध्यम से सरकार को अगाह किया है कि यदि किसानों के समस्याओं के ऊपर त्वरित कोई कार्यवाही नही करती है तो हमारा यूनियन पूरे उत्तर प्रदेश में एक बृहद किसान आन्दोलन करने के लिये बाध्य होगें जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। इस मौके पर रामप्यारे शर्मा, बबलू खान, चेतई प्रसाद, रामनरायन यादव के साथ साथ अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।
कुशीनगर :: भाकियू भानु ने किसानों की तमाम समस्याओं को लेकर उपजिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
डेस्क, कुशीनगर केसरी, कुशीनगर। किसानों के हितों की तो बात करती है मगर हकीकत में किसानों के दशा और दिशा में कोई परिवर्तन नजर नही आ रहा है| इस देश का किसान जाड़ा, गर्मी और बरसात में दिन रात मेहनत करके अन्न पैदा करता है मगर उसके फसलों की कीमत सरकार खुद तय करती है। प्रदेश में योगी सरकार बने लगभग ढाई वर्ष हो गये मगर इन वर्षों में किसानों के गन्ने का मूल्य योगी सरकार एक भी रूपये नही बढ़ायी जो प्रदेश के किसानों के साथ उदासीन रवैया अपनाया जा रहा है जो आने वाले समय में सरकार के लिये शुभसंकेत नही है। जिस प्याज के सहारे किसान रोटी खाता था वह प्याज किसानों के थाली से कोसों दूर हो गया है साथ ही साथ दिनचर्या की बस्तुओं में हो रही बेतहाशा बढ़ोत्तरी से किसान,गरीब और मजदूर खून का आँसू बहा रहा है और सरकार मूकदर्शक बनकर सिर्फ तमाशा देख रही है और बढ़ी हुई कीमत को नियन्त्रण करने में बिल्कुल कमजोर और असफल नजर आ रही है।