आदित्य प्रकाश श्रीवास्तव, कुशीनगर केसरी, पडरौना, कुशीनगर। दुनिया में ऐसा भी रेलवे स्टेशन जो कि दुनिया के रेलवे के नक्शे में पडरौना रेलवे स्टेशन तो है लेकिन इस स्टेशन पर यात्रियों से ज्यादा मार्निंग वाक और चाय पीने वाले लोग आते हैं क्योंकि यहां से तो ना ही समय से ट्रेनें हैं और ना ही ज्यादा हैं जिससे व्यापारी और जनता दोनों ही त्रस्त हैं और रेलवे के अधिकारियों कर्मचारी व क्षेत्र के जनप्रतिनिधि कान में तेल डाले हुए दृष्टराष्ट्र बने पड़े हैं।
कुशीनगर जनपद के पडरौना नगर पालिका परिषद के अंतर्गत पडरौना रेलवे स्टेशन एक ऐसा रेलवे स्टेशन तो है लेकिन यहां से ना तो ट्रेन समय से हैं और ना ही ज्यादा है।जिसको बार-बार रेलवे के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों द्वारा भी उपेक्षित किया जाता है। लोगों द्वारा बार-बार धरना प्रदर्शन किया जाता है ट्रेन को लेकर लेकिन दो-चार दिन के लिए कुछ ट्रेन चलती है फिर वही पुराना राग रहता है। स्थानीय व्यापारी और लोगों में अब ट्रेन को लेकर के आस जो भी थी समाप्त हो चुकी है। लोग मान चुके हैं कि अब पडरौना से लंबी दूरी की ट्रेनेेंं व स्थानीय स्तर की ट्रेनें भगवान भरोसे ही चलेंगी बाकी तो अधिकारी व जनप्रतिनिधि धृतराष्ट्र ही हैैं।