विजय कुमार शर्मा, कुशीनगर केसरी, प.च. बिहार। यह कार्यक्रम भितहां बैरागी सोनबरसा में आयोजित की गई जिसमें नाबार्ड द्वारा आदिवासी विकास कार्यक्रम की समीक्षा के साथ आलाधिकारी द्वारा मूल्यांकन किया गया वही मौके पर पहुंचे आदिवासी महिलाओं ने कल्चर नृत्य प्रोग्राम प्रस्तुत कर अधिकारियों का स्वागत किया यह कार्यक्रम सेवा केंद्र बेतिया द्वारा संचालित किया गया जिसमें कृषि उत्पादक संघ बगहा 2 के कुल 500 किसान उपस्थित रहे। पटना से चलकर आए मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड, श्री अमिताभ लाल जी व सहायक महा प्रबंधक श्री अंजनी कुमार वर्मा जी का स्वागत बेतिया डायोसिस के निदेशक फादर हेनरी फर्नांडो ने शाल ओढ़ाकर किया वही कृषि उत्पादक संघ के निदेशक हरिकिशुन उरांव ने अन्य उपस्थित कृषि वैज्ञानिक उतर बिहार ग्रामीण बैंक के आरओ महोदय व कृषि पदाधिकारी का स्वागत फूल का माला पहनाकर व शाल ओढ़ाकर किया साथ ही किसानों को प्रशिक्षित किया गया। मौके पर उपस्थित प्रशिक्षक श्री राजू सिन्हा ने एफ पीओ के संचालन व शेयर दार किसानों की महती भूमिका पर प्रकाश डाला साथ ही बिजनस को कृषि क्षेत्र में कैसे बढ़ाया जाय उसपर बेहतर रूप से तकनीकी गुर सिखाये गए। जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड श्री गोपाल कुमार पडित ने अपने संबोधन में कहा कि कृषि क्षेत्र में पुरुष किसानों की अपेक्षा महिलाओं ने खेती को संवारने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। वही मुख्य महा प्रबंधक ने नाबार्ड परियोजना का हाल जाना अध्यक्ष श्री रामजी उरांव ने बताया की 2013 से पहले किसानों की वार्षिक आमदनी 24-25 हजार रहा करता था। जब से नाबार्ड और सेवा केंद्र द्वारा परियोजना का संचालन किया गया उसके बाद किसानों की आय में वृद्धि होने लगी आज के परिवेश में किसानों की वार्षिक आय 84-95 हजार तक हुई है इसके लिए श्री उरांव ने नाबार्ड और सेवा केंद्र को धन्यवाद दिया साथ ही बी डी एस एस एस के परियोजना समन्वयक श्री माधेश्वर कुमार पाण्डेय ने बताया की वर्ष 2013 से परियोजना चलाया जा रहा है जिसमे कुल पांच सौ परिवार को लाभान्वित किया गया है जिसमें किसानों के लिए उतम खाद बीज की व्यवस्था तकनीकी प्रशिक्षण सिचाई व शुद्ध पेयजल, भूमिहीन किसानों के लिए बकरी पालन खेती को बेहतर बनाने के लिए वर्मी कंपोस्ट स्वास्थ परीक्षण व किसानो के क्षमता वृद्धि को विकसित करने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है जिससे किसानों की आमदनी में तिगुनी वृद्धि हुई है साथ ही कृषि उत्पादन संघ स्वावलंबन की ओर अग्रसर हुई है किसान क्लब ने जीरो टीलेज मशीन और पैड़ी ट्रांसप्लांटर मशीन क्रय कर अपने कृषि क्षेत्र को सवारने का काम किया है।
इस कार्यक्रम में सेंट्रल बैंक के LDM श्री अखिलेशस्वर दुबे, उतर बिहार ग्रामीण बैंक के RM श्री रामनाथ मिश्रा सेमरा बैंक प्रबंधक, साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र KVK के वैज्ञानिक रेयाज अहमद कृषि सलाहकार साथ ही कपिलदेव पटवारी, जनक महतो रेणु देवी, एलएन विक्की सिस्टर टेरेसा, सतीश यादव ईश्वरी देवी के साथ सैकड़ों के संख्या में महिला पुरुष किसान उपस्थित रहे। नक्सल प्रभावित इलाके में पहुंची नाबार्ड की टीम, बैरागी सोनवर्षा के भितहा में कृषि कार्यशाला का आयोजन, आदिवासी उरांव बाहुल्य क्षेत्र में कृषि कार्यों की समीक्षा कर बेहतरी और उन्नत खेती को लेकर प्रशिक्षण, महिला पुरुष सैकड़ों किसानों को दिया गया कृषि उत्पादन का टिप्स, नाबार्ड के सीजीएम अमिताभ लाल डायोसिस के निदेशक फादर हेनरी फ्रानांडो का भव्य स्वागत, उरांव आदिवासी महिलाओं ने पारंपरिक नृत्य संगीत प्रस्तुत कर आयोजन में लिया भाग। चंपारण के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में चल रही योजनाओं का मूल्यांकन नाबार्ड कर रहा है। नाबार्ड की टीम बगहा के आदिवासी बाहुल्य गांवों में पहुंचकर विकास योजनाओं की समीक्षा कर रही है।
उरांव आदिवासी क्षेत्र के भितहां बैरागी सोनबरसा में आयोजित कृषि प्रशिक्षण और कार्यशाला में इलाक़े से भारी संख्या में किसानों ने भाग लिया जिसमें नाबार्ड द्वारा आदिवासी विकास कार्यक्रम की समीक्षा के साथ आलाधिकारीयों द्वारा खेती किसानी कार्यों का मूल्यांकन किया गया। वही मौके पर पहुंचे आदिवासी महिलाओं ने आदिवासी झमटा नृत्य प्रस्तुत कर अधिकारियों का स्वागत किया ।
बताया जा रहा है कि बगहा के कुल 500 चयनित किसान अभ्यर्थी भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे । नाबार्ड बिहार के मुख्य महाप्रबंधक अमिताभ लाल सहायक महा प्रबंधक अंजनी कुमार वर्मा टीम में शामिल होकर किसानों की हौसला अफजाई करते हुए उन्हें हर संभव मदद देने की बात कही। आपको बताएं की कृषि वैज्ञानिक रेयाज अहमद ने खेती किसानी क्षेत्र में कैसे उन्नत और बेहतर कार्य को बढ़ाया जाय किसानों को इसके लिए बेहतर तकनीकी गुर सिखाया गया। कृषि क्षेत्र में पुरुष किसानों की अपेक्षा महिलाओं ने खेती को संवारने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। 2013 से पहले किसानों की वार्षिक आमदनी 24-25 हजार रहा करता था जब से नाबार्ड और सेवा केंद्र द्वारा परियोजना का संचालन किया गया उसके बाद किसानों की आय में वृद्धि होने लगी है।
आज के परिवेश में किसानों की वार्षिक आय 84-95 हजार तक हुई है। किसानों के लिए उतम खाद बीज की व्यवस्था तकनीकी प्रशिक्षण सिचाई व शुद्ध पेयजल, भूमिहीन किसानों के लिए बकरी पालन खेती को बेहतर बनाने के लिए वर्मी कंपोस्ट स्वास्थ परीक्षण व किसानो के क्षमता वृद्धि को विकसित करने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है ।