शहाबुददीन अहमद, कुशीनगर केसरी, बेतिया, बिहार। शहर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, एवं संगठनों के द्वारा सरदार पटेल की जयंती को रन फॉर यूनिटी के रूप में विभिन्न शिक्षण संस्थानों, सामाजिक संगठनों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा मनाया गया।
इस अवसर पर इस समाज के हर तबके को रन फॉर यूनिटी का हिस्सा बनने का आह्वान किया गया ऐसा कर हम सब सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि दे रहे हैं। अगर पटेल नहीं होते तो भारत का वर्तमान स्वरूप नहीं होता। प्रत्येक वर्ष 31 अक्टूबर को यह दिन विशेष रूप से सरदार पटेल की जयंती के रूप में मनाई जाती है क्योंकि आज ही धारा 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर अधिकारिक तौर पर 2 केंद्र शासित प्रदेशों में बट गया। एक तरफ संपूर्ण देश सरदार पटेल की जयंती मना रहा होगा वही आज ही श्रीमती इंदिरा गांधी जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया और उन्हें भी उनकी जयंती पर याद किया गया। वर्तमान में सरदार पटेल ने 562 रियासतों को एकीकृत करने का लक्ष्य उनकी जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था जिसको आज रन फॉर यूनिटी के रूप में मना कर उनकी सच्ची श्रद्धांजलि दी गई, राष्ट्रीय एकता जिंदा दिल में है उससे ज्यादा प्रदर्शन की क्योंकि इससे सभी के अन्दर राष्ट्रप्रेम की भावना जागृत होती है। इस बात की जानकारी देते हुए अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संघ(भारत) की जिला अध्यक्ष, सुरैया शाहब ने इस अवसर पर लोगों को आह्वान करते हुए इस बात की याद दिलाई केआज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है और सरदार पटेल की जयंती, रन फॉर यूनिटी के रूप में मनाना हम सबों का धार्मिक कर्तव्य बनता है ,अगर सरदार पटेल नहीं होते और उनके द्वारा 562 छोटे-छोटे राज्यों को एक जगह कर इस भारतवर्ष की गरिमा नहीं रखी होती तो आज हम स्वतंत्र नहीं होते और मेरा देश इस विश्व में एक अपना कीर्तिमान नहीं रखता, इस अवसर पर इन्होंने सभी लोगों से आग्रह किया के प्रति वर्ष 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती, रन फॉर यूनिटी के रूप में मनाने का कार्यक्रम किया जाए ताकि उनको सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सके।